सरस्वती माँ की स्तुति
हे मानव ऐसी है मेरी माँ……
बसंत पंचमी पर पूजन कर लें,
स्तुति कर लें और कर लें कुछ ध्यान,
जिससे मान जाये वीणा वरदायिनी माँ,
और कर दे कल्याण इस धरा का।
विधा और ज्ञान की देवी,
कमल के आसन पर विराजमान,
श्वेत वस्त्र धारण किये,
गले में पुष्पों की माला पहने।
जिनके एक हाथ में वीणा,
दूसरे हाथ में पुस्तक ,
तीसरे हाथ में माला,
और चौथे हाथ में वर मुद्रा।
देती सबको ज्ञान का वरदान,
जिह्वा पर अगर किसी के बैठ जाये,
तो हो जाये उसका कल्याण,
देती सबको वरदान।
हे मानव ऐसी अनोखी है मेरी माँ………
मौलिक रचना
नूतन गर्ग (दिल्ली)