लघुकथा

नई सदी का मेला

अंतरिक्ष पर बने शहर में पहली बार मेला आयोजित किया गया था। बीटा एलियन जरा कपड़े का फटका तेज चला एनर्जी ड्रिंक को जरा करीने से जल्दी सजा लोगो के आने का वक्त हो गया है।
“हाँ ! जी अल्फा जी
बीटा देखो सामने से लोग आते नजर आ रहे है। उन्हें रक्त दान करने के लिए प्रेरित करना है।
” जरा जोर की आवाज मार।”
” हाँ, अल्फा जी
आईये – आईये रक्त दान करे काले गोरे का किसी भी जाति धर्म की बंदिश नहीं है। पानी के बुलबुले सी जिंदगी का कोई भरोसा नहीं। एहसान कर जिंदगीयाँ बचेगी।
“कर भला तो हो भला “।
” सभी रक्तदान करने वाले को एनर्जी ड्रिंक ….ड्रिंक फ्री
“आईये ! आईये।
” गामा मेले में घूमते हुए देखता एक स्टाल के बाहर एक पेड़ पर तरबूज के आकार का सेब उगा है ओह ! अजूबा है जब नजदीक पहुंच कर देखा वाकई लाजवाब फल सेब ही था।
गामा ने देखा एक आदमी ने जैसे ही फल को तोड़ा उसके स्थान पर नया फल आगया।
वाह! कमाल है साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है।
अगली स्टाल जो की रक्तदान की लगी है इन्ही बड़े बड़े सेबों से ड्रिंक बनाया जा रहा है।
“कमाल हो गया ये तो।”
“तभी गामा का ध्यान ऊपर लिखे स्लोगन की तरफ गया लिखा था।
” लहू वो नही जो रगों में रह जाये बल्कि ……बल्कि वो है …जो ….वक्त पड़ेने पर अपने ही नहीं दूसरों के काम आए।”
स्लोगन पढ़ कर गामा जी के अंदर से रक्त दान का एहसास जागा।
नाइस अभी मेरे जज़्बात मरे नहीं है।
रक्तदान कर सेब का ड्रिंक पीते हुए चेहरे पर असीम आनन्द की अनुभूति होटों पर मुस्कुराट लिए आगे चल पड़ा..

— अर्विना, प्रयागराज

अर्विना गहलोत

जन्मतिथि-1969 पता D9 सृजन विहार एनटीपीसी मेजा पोस्ट कोडहर जिला प्रयागराज पिनकोड 212301 शिक्षा-एम एस सी वनस्पति विज्ञान वैद्य विशारद सामाजिक क्षेत्र- वेलफेयर विधा -स्वतंत्र मोबाइल/व्हाट्स ऐप - 9958312905 [email protected] प्रकाशन-दी कोर ,क्राइम आप नेशन, घरौंदा, साहित्य समीर प्रेरणा अंशु साहित्य समीर नई सदी की धमक , दृष्टी, शैल पुत्र ,परिदै बोलते है भाषा सहोदरी महिला विशेषांक, संगिनी, अनूभूती ,, सेतु अंतरराष्ट्रीय पत्रिका समाचार पत्र हरिभूमि ,समज्ञा डाटला ,ट्र टाईम्स दिन प्रतिदिन, सुबह सवेरे, साश्वत सृजन,लोक जंग अंतरा शब्द शक्ति, खबर वाहक ,गहमरी अचिंत्य साहित्य डेली मेट्रो वर्तमान अंकुर नोएडा, अमर उजाला डीएनस दैनिक न्याय सेतु