गीतिका/ग़ज़ल

बेटी

कुदरत रो उपहार है बेटी ।
दो घर रो आधार है बेटी ।।

बेटा-बेटी ऐक ही जैस्या,
घर में सुख रो सार है बेटी ।

अब बेटियां भी पीछे कोनी,
राज-काज सरकार है बेटी ।

जमीं गगन सब ठौर-ठौर म्हे,
सात समंदर पार है बेटी ।

भले करम सू आवे घर म्हे,
मोतिया मुंगो हार है बेटी ।

सब रे मन री उड़न चिड़कली,
मन मीठी मनुहार है बेटी ।

बेटी रे पग सूं ही है जग ,
अमन हिये रो प्यार है बेटी ।

— मुकेश बोहरा ‘अमन’

मुकेश बोहरा 'अमन'

पिता का नाम - स्व. श्री पारसमल बोहरा (जैन) माता का नाम - स्व. श्रीमती शान्ति देवी धर्मपत्नि - श्रीमती शान्ति बोहरा ‘शान्त’ अनुज भ्राता - श्री राहुल बोहरा ‘अमन’ संतान - 1. कार्तिक बोहरा 2. कु. संध्या बोहरा जन्म तिथि - 20.07.1984 शैक्षणिक योग्यता - अधि-स्नातक (हिन्दी), बी.एड. व्यवसाय:- शिक्षण कार्य, राजकीय सेवा में अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सांसियों का तला, बाड़मेर राजस्थान भारत प्रकाशित कृतियां - 1. महिला सशक्तिकरण को लेकर कालजयी कृति ‘‘हिम्मत है तो वार करो’’ 2. ओरण-गोचर संरक्षण को लेकर पुस्तक ‘‘ओरण हमारी धरोहर’’ 3. बाल साहित्य में ‘‘भगवान हमारे दादाजी’’ रूचियां:- काव्य लेखन, गद्य लेखन, स्वतंत्र पत्रकारिता, समाज-सेवा, किताबें पढ़ना आदि । स्थायी पता - अमन भवन, महावीर सर्किल, जूना केराडू मार्ग, बाड़मेर राजस्थान भारत 344001 मोबाईल नम्बर:- 8104123345, फेसबुक - कवि मुकेश अमन Email - [email protected]