हौसला
जीवन की बंजर धरती में
उम्मीदें उग आयेंगी
रहा यही हौसला तो
मुश्किलें भी डर जायेंगी
हार से न घबरायेंगे
बस लड़ते जायेंगे
जब तक मंजिल न मिल जाएँ
आगे बढते जायेंगे
छलछंदों से बनूं विजेता
ये मुझको स्वीकार नहीं
कोशिश अपनी अभिमन्यु सी हो
बस इतनी अभिलाषा है।।
— दीपक तिवारी “दीप”