हाइकु
1
खिलते पुष्प,
सुगंध चहुँ दिस,
मन में हूक़ ।
2
याद पिया की,
लगी है फिर आने,
बरसों बाद ।
3
व्याकुल मन,
हैं सपने बेरंग,
साजन बिन।
4
प्रीत ना जाने,
है क्या जग की रीत,
तू मनमीत ।
5
देखा उनको,
सुधबुध बिसरा,
भागी चली मैं ।
6
पीर है दूर,
नाचे छमक छम,
मन मयूर ।
7
चमका चांद,
सितारे झिलमिल,
उजली रात ।
— मधु शर्मा कटिहा