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वसंत पंचमी के उपलक्ष्य में  ‘सलाम-ए-वतन’ काव्य गोष्ठी सम्पन्न 

नई दिल्ली 4 फ़रवरी (डॉ. शम्भू पंवार) : पर्पल पेन साहित्यिक समूह के तत्वावधान में गणतंत्र दिवस एवं वसंत पंचमी के उपलक्ष्य में ‘सलाम-ए-वतन’ काव्य  गोष्ठी और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री हरि सिंह पाल (आकाशवाणी के पूर्व निर्देशक और महामंत्री, नागरी लिपि परिषद), मुख्य अतिथि श्री रामकिशोर उपाध्याय (सेवानिवृत आईआरएएस, राष्ट्रीय अध्यक्ष, युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच), विशिष्ट अतिथि-डाॅ. पुष्पा सिंह विसेन (अध्यक्ष, नारायणी साहित्य अकादमी),विख्यात ओज कवि श्री विनय शुक्ल ‘विनम्र’ थे।पर्पल पेन समूह की संस्थापक सुश्री वसुधा कनुप्रिया ने अतिथियों कोअंग वस्त्र, पुष्प हार और उपहार भेंट कर सम्मानित किया।
पर्पल पेन साहित्यिक समूह द्वारा ऑनलाइन आयोजनों में सक्रिय सहभागिता और श्रेष्ठ लेखन के लिये श्री मुरारि पचलंगिया, सुश्री रेखा जोशी, सुश्री मीनाक्षी भटनागर और सुश्री रजनी रामदेव को ‘पर्पल पेन कलमवीर सम्मान’ एवं कुशल संचालन के लिये सुश्री रजनी रामदेव और वंदना मोदी गोयल को ‘साहित्य गौरव सम्मान से नवाजा गय।
 इस अवसर पर सभी देशवासियों का आवाहन करते हुए मुख्य अतिथि श्री रामकिशोर उपाध्याय ने पढ़ा —
“आज भी वतन की रगों में दौड़ती है नौजवां शहीदों की जवानी,
आज भी ज़िन्दा है काला-पानी में अंग्रेज़ों के सितम की कहानी,
अपनी आज़ादी को रखना होगा बचाके अब वतन के गद्दारों से,
ज़रुरी तो नहीं फिर पैदा हो भगत, गाँधी, नेहरू सुभाष, कृपलानी”
विशिष्ट अतिथि, ओज कवि श्री विनय शुक्ल ‘विनम्र’ ने राष्ट्रीय पर्व पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए गाया —
“स्वाभिमानी बनें पूरा करके सपन
खुश्बुओं से महकने लगा है चमन
हिन्द का तंत्र ही मंत्र अपना बना
प्यारे गणतंत्र तुझको है शत शत नमन!”
 डॉ. पुष्पा सिंह विसेन ने कुछ ऐसे कही-
“बर्फिली हवाओं संग अपनी रवानी लिख जाऊँगी”
बासंती मौसम में प्यार की कहानी लिख जाऊँगी”
कार्यक्रम के अध्यक्ष, श्री हरि सिंह पाल ने हिन्दी भाषा पर संक्षिप्त वक्तव्य दिया और सभी कवियों से आग्रह किया कि अपनी लेखनी के माध्यम से हिन्दी को और राष्ट्रहित के विचारों को जनमानस तक पहुँचाएँ । आपने कहा कि “कविता देश को जोड़ने का काम करती है । कविता मानव कल्याण का उद्देश्य लेशकर चलती है और भावी पीढ़ी पर अपनी छाप छोड़ती है ।”
वसुधा ‘कनुप्रिया’ ने राष्ट्र को वंदन करते हुए चंद अश्आर पेश किये —
“पैग़ाम महब्बत का ये लाया है दोस्तों,
दिन जनवरी छब्बीस का आया है दोस्तों।
अपना के संविधान हमने आज के ही दिन,
जम्हूरियत का जश्न मनाया है दोस्तों।”
डॉ पुष्पा जोशी ने संस्कृत भाषा मे सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। अतिथियों ने पर्पल पेन समूह की अध्यक्ष सुश्री वसुधा ‘कनुप्रिया’ के साहित्य के प्रति समर्पण और सफल संयोजन के लिये उनकी प्रशंसा की और शुभकामनायें दीं ।
कार्यक्रम के अंत में सभी कविगण ने शपथ ली कि वे पर्यावरण के संवर्धन का और जल बचाने का हर संभव प्रयास करेंगे।       इस अवसर पर  डॉ इंदिरा शर्मा, रजनी रामदेव, रेखा जोशी, मुरारि पचलंगिया, मीनाक्षी भटनागर, वंदना मोदी गोयल, रेणुका सिंह, जगदीश मीणा, ए एस ख़ान अली, शारदा मदरा, अंजु खरबंदा, ममता लड़ीवाल, दिनेश आनंद, ओम प्रकाश शुक्ल, विवेक आस्तिक, डॉ. अंजु लता सिंह, अंजु मोटवाणी, सरोज सिंह, सुषमा शैली, आरिफ़ देहलवी, डाॅ. पुष्पा जोशी, पुनीत सत्यम्, जावेद अब्बासी, रवि ऋषि, प्रेम बिहारी मिश्र, सुलेखा मिश्रा, दिनेश चंद नागर, विजय प्रशांत, दीपक वर्मा, वीना तँवर, प्रभा शर्मा ने देशभक्ति और वसंत पर गीत, गीतिका, ग़ज़ल, दोहे, मुक्तक व विभिन्न छंद विधाओं में बहुत सुरुचिपूर्ण व सार्थक प्रस्तुति
  दी।सरस्वती वंदना सुश्री शारदा मदरा ने प्रस्तुत की । मंच संचालन सुश्री निशि शर्मा जिज्ञासु ने रोचक अंदाज़ में किया ।पर्पल पेन समूह की संस्थापक सुश्री वसुधा कनुप्रिया ने आभार व्यक्त किया।
— डॉ. शम्भू पंवार

शम्भू पंवार

ब्यूरो चीफ ट्रू मीडिया, दिल्ली चिड़ावा, 8058444460 [email protected]