जो तुम नहीं
जो तुम नहीं
जो तुम नही आज साथ मेरे,
गलती तुम्हारी नही इसमें,
मोहब्बत मैंने की थी तुमसे,
तुमको मोहब्बत आती न थी ।।
देखो यह सफर लम्बा ,
तय कर रही हूँ अकेली,
क्योंकि तुम नहीं साथ,
मैं और मेरी मोहब्बत तन्हा ।।
अब हर सफर , मंजिल पर,
जाना होगा मुझे ही अकेले,
कब तक तेरा इंतज़ार करूँ,
तेरे बिन जीना होगा ।।
जो तुम नहीं संग मेरे,
कोई गम नहीं यह बड़ा
तेरी यादें तो है संग मेरे,
सफर होगा इसके साथ सुहाना।।।
डॉ सारिका औदिच्य