गाओ फिर गीत वही
इक सावन पलकों में बादल भर लाया था
गाओ फिर गीत वही जो उस दिन गाया था !!
भावुक मन को बहलाने की ,
घावों को भी सहलाने की ,
छंदों में मत कोशिश करना ,
बिखरे शब्दों को सजाने की ,
प्रिय तेरा संग साथ इस दिल को भाया था !
गाओ फिर गीत वही जो उस दिन गाया था !!
आँधी तूफानों से बचना बचाना
लहरों में नाव संभलकर चलाना
विनती परमेश्वर से बचना बचाना
अधरों पर हँसी लिए घर लौट आना
याद हमे कर लेना तुमने बिसराया था !
गाओ फिर गीत वही जो उस दिन गाया था !!
— रामालक्ष्मी