तमन्ना
नज़र लग गई ,
साथ को हमारे,
उड़ गई खुशी ,
दामन से हमारे ।।
किस देश गई,
खोल पंख उसके,
छोड़ वो गई,
यादें सुनहरी उसकी ।।
अब जब याद ,
करती हूं तुमको ,
संग उसके दिखते ,
कैसे बुलाऊँ तुमको ।।
इतना सा ही था ,
साथ हमारा शायद,
तभी तो आज,
संग नहीं हो शायद ।।
तमन्ना है दिल की ,
खुश रहो सदा तुम,
दुआ करती हूं,
मिलो कभी तो तुम ।।
डॉ सारिका औदिच्य