माँ से कम नहीं
बाल दिवस 2003 – पत्नी का असामयिक निधन – इकलौती सन्तान 17 वर्षीया बेटी के लिए मम्मी की भी भूमिका निभाने का दायित्व – परमाणु वैज्ञानिक की जिम्मेदारी – अशक्त अम्मा की भी देखभाल करना – कुछ समय के लिए अम्मा की सेवा हेतु बहन का सहारा मिला – पर युवा होती बेटी को आत्मनिर्भर बनाने हेतु अधूरी शिक्षा पूरी करवाना – निष्कलंक चरित्र बनाए रखने के लिए सतर्कता – दूषित समाज से आत्म सुरक्षा की सजगता – किनारे होते रिश्ते – अहसास हुआ कि निश्चित ही महिला अधिक सशक्त सक्षम समर्थ है पुरुष की अपेक्षा – स्वयं सकारात्मकता सात्विकता अनुशासन रख मन को मजबूत कर मम्मी की भूमिका ईमानदारी से निभाने का प्रयास – अतिरिक्त शक्ति बटोर कर सही राह पर चलते रहने हेतु समझाने इशारा करने के अधिकार का एहसास – डाटने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी – अधिकारों का सदुपयोग करता रहा – हिम्मत बनाए रखी – अब बेटी शिक्षा पूरी कर अपने पति पुत्री के साथ सुखी है – साथ में मुझ विधुर की भी सेवा कर रही है – मेरे जन्मदिन पर मेरी डायरी में लिखे अपने उद्गार – मेरे पापा मम्मी से कम नहीं – पढ़ कर भीगी पलकों से शक्ति अधिकार की सार्थकता महसूस हुई – लगा कि अम्मा के लिए बहू की भूमिका नहीं निभा सका , लेकिन बेटी के लिए मम्मी की भूमिका निभा कर सार्थकता का अहसास कि महिला सशक्तिकरन को सिद्ध कर सकता है – एक भरोसा – एक विश्वास…।
— दिलीप भाटिया