कुछ ख़ास बात है तुममें
कुछ ख़ास बात है तुममें,
मैंने अपना बना लिया।
तेरे होठों की मुस्कान ने,
कैसा ये जादू कर दिया।।
ताउम्र अब तुमने मुझको,
ऐसा दीवाना बना लिया।
अपने हर अंदाज़ से तूमने,
मुझे क़ायल ही कर दिया।।
जब से तुमने मेरे गीत को,
इन होठों से गुनगुना दिया।
चाहतों का इक सिलसिला,
हमारे दिल में बना लिया।।
तुम्हारे प्रीत की अदाओं ने,
मुझको कितना बदल दिया।
निराशा भरे मेरे जीवन को,
तुमने ख़ुशहाल कर दिया।।
मेरे चाहतों का तूने प्रियतम,
ऐसा सुंदर सा तोहफ़ा दिया।
मेरा किया जो प्रणय निवेदन,
तुने झट स्वीकार कर लिया।।
अब तो तन मन से मैंने माना,
अपने दिल में जगह दे दिया।
अब तुम ही हो सच मुहब्बत,
तुम हो मेरे दिल की पिया।।
— लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव