स्वास्थ्य

कोरोना वायरस

घबराएँ नहीं समझदारी से काम लें, अफ़वाहों पर न जाएँ।
सबसे पहले समझें कि कोरोना वायरस क्या है?
यह एक प्रकार की वायरस बीमारी है। जो माँस-मछली और गंदगी से फैलती है। यह बीमारी वायरस से संक्रमित लोंगों से हाथ मिलाने से, उनका कपड़ा इस्तेमाल करने से, उनकी छींक के सामने बैठने से भी फैल सकती है। इसलिए इस बीमारी का आपको परहेज़ ज़्यादा करना पड़ सकता है।
अब यह सवाल पैदा होता है कि हम अपनेआप को इससे बचाएँ कैसे? ख़ासतौर से बच्चों और बूढ़ों को।
1. जब भी आप अपने नौनिहालों और माता-पिता के पास जाएँ तो हाथ साफ़ करके ही जाएँ। अगर आपको जुकाम-खांसी या कोई और इंफ़ेक्शन है तो उनसे दूरी बनाकर रखें। ज़्यादा प्यार जताने की ज़रूरत नहीं होती ऐसी परिस्थिति में।
2. स्वयं को स्वच्छ रखें। स्वच्छता से वायरल इंफ़ेक्शन को हम रोक सकते हैं। इसके लिए प्रतिदिन स्नान अवश्य करें, वो भी दवाई वाले साबुन से तो ज़्यादा बेहतर होगा। या फिर लिक्विड साबुन जिनसे वायरल इंफ़ेक्शन ख़त्म होता है उसे थोड़ा सा पानी में मिलाकर नहाए।
3. हाथों से बहुत सारे रोग फैलते हैं इसलिए दिन में कई बार हाथ धोएँ। कुछ लोंगों की आदत होती है कि बाहर से आए और बिना हाथ धोए कुछ भी खा लेते हैं। ऐसा बिल्कुल न करें जीवन एक बार मिलता है बार-बार नहीं।
तो सबसे पहले मांस मच्छी खाना छोड़ दीजिए, सफ़ाई करिए खुद से अपने आस-पास, घर के कोनों में, सोसाइटी में भी। किसी पर भी भरोसा न करें क्योंकि आपकी खुद की जान है। अगर कहीं भी आपको लगे कि यहाँ गंदगी है तो डी.डी.टी या फ़िनैल छिड़क दीजिए। आप बाहर काम पर जाते हैं वो भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से तो सबसे पहले अपनेआप को साफ़ कर लें फिर बच्चों के पास जाएँ। अगर आप इंफ़ेक्टेड हैं तो दूरी बना कर रखें।
डिब्बाबंद भोजन खाने से बचें, शीतल पेय भी कुछ ऐसे हैं जिनसे यह परेशानी पैदा करता है। गले को खुश्क मत रहने दीजिए। अगर शरीर में पानी की कमी होगी तो भी कफ का ज्यादा अटैक होता है। जिससे वायरस फैलने का ख़तरा ज़्यादा मंडराता है। इसलिए चार-पाँच लीटर पानी ज़रूर पिएँ, हो सके तो गुनगुना पानी पिएँ।
अगर किसी को नज़ला-जुकाम आदि हैं तो भाप अवश्य लें। गहरी साँस लें इससे आपकी छाती खुलेगी और कंजक्शन भी दूर होगा। इसके साथ-साथ विटामिन सी भी अवश्य लें। विटामिन सी के लिए एक कप या एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर पी लीजिए। जैसे ही आप बाहर से आएँ तुरंत पी लीजिए। इससे इंफ़ेक्शन और पाल्यूशन का असर कम होता है। संतरा-कीनू अगर आपको नुक़सान नहीं देता है तो आप उसका भी प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन यह फल ताज़े हों। गिलोए का उपयोग भी इसके लिए किया जा सकता है।
अगर हम अपने खाने-पीने में ताज़ा फलों को शामिल करें, विटामिन सी लें, हाँथों को अच्छे से धोएँ, घर के आस-पास गंदगी न जमा होने दें। सड़ी चींजों को हम अपने डस्टबीन से तुरंत निकाल फेंकें। तो एक सीमा तक इस पर कंट्रोल किया जा सकता है।
यह वायरस बच्चों को बहुत जल्द अपनी चपेट में लेता है। यह जानलेवा और एक घातक बीमारी है। इसलिए सबसे पहले अपनेआप को जानिए कि आप ठीक हैं तभी बच्चों के पास जाएँ।
कोरोना वायरस के सिम्टमस आख़िर होते कैसे हैं?
सर्दी, नज़ला, खाँसी, ज़ुकाम, हल्का बुख़ार, थकान, लेटे रहने की इच्छा। अगर यह सब सिम्टमस हैं तो आप तुरंत चिकित्सक के पास जाएँ और जो भी ‘WHO’ के पैरामीटर पर होंगी वे आपको देंगे। इससे आप देखेंगे कि आप ठीक हो सकते हैं लेकिन टालें नहीं शुरू होते ही डाक्टर के पास जाएँ और अपनी जाँच ज़रूर कराएँ।
अगर आपको सूखी व भयंकर खाँसी है और साथ में बुख़ार भी है, सुस्ती बहुत भयंकर है, हाथ-पैरों में दर्द भी है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अगर ऐसा कोई मरीज़ आप देखें तो उसके बिस्तर आदि से भी दूर रहें। मजबूरी वश कभी-कभी ऐसा करना भी पड़ता है। घर के सदस्य इसमें संकोच कर सकते हैं परंतु आपको उनसे दूरी अवश्य बना लेनी चाहिए। उनको इसके प्रभाव में आने से रोका जा सकता है।
शुरूआत में यह आसानी से कंट्रोल हो जाता है, सफ़ाई से भी यह नहीं फैलता है। आशा करती हूँ कि आप अपना ध्यान अवश्य रखेंगे। सरकार अपना काम कर रही है, डाक्टर भी एक्टिव हो चुके हैं। WHO ने भी अपने रेगुलेशंसजारी कर दिए हैं। बस आप अपनी ओर से कोई गल्ती न करें। भीड़भाड़ वाले इलाक़ों में मास्क अवश्य लगाएँ, गला खुश्क न होने दें, अपना इम्यून सिस्टम बढ़ाएँ।

मौलिक लेख
नूतन गर्ग (दिल्ली)

*नूतन गर्ग

दिल्ली निवासी एक मध्यम वर्गीय परिवार से। शिक्षा एम ०ए ,बी०एड०: प्रथम श्रेणी में, लेखन का शौक