कविता
वो मन मंदिर होता है
जहाँ आस्था का दीपक
सदैव जलता रहता है
अंधकार विस्मृत होता रहता है
इस उजास पर
ऐसा ही एक रूप है नारी का
जिसका हर रूप
अपनी अहमियत रखता है
…… वो स्नेह की छाया में
दुआ हो जाती है ….
मुश्किलों की होती है धूप जहाँ
वहाँ वो उम्मीदों की छाँव हो जाती है!