कविता

होली के रंग मे डूब जाएं

आओ हम सब
होली के रंग मे डूब जाएं
मस्त मगन होकर जश्न मनाए
तन भीग जाए मन भीग जाए
कुछ ऐसे सरोबोर हो जाएं कि
खुशी से सारा जग भीग जाएं
हर तरफ उल्लास ही उल्लास हो
हर तरफ उमंग ही उमंग हो
रंगों के खेल में सब मगन हो
नया जोश और एक नई लहर हो
अबीर-गुलाल से भीगा हर शहर हो
आओ हम सब
होली के रंग मे डूब जाएं
मस्त मगन होकर जश्न मनाए
जश्न मनाए जश्न मनाए..

के.एम. भाई

सामाजिक कार्यकर्त्ता सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्यात्मक लेखन कई शीर्ष पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित ( शुक्रवार, लमही, स्वतंत्र समाचार, दस्तक, न्यायिक आदि }| कानपुर, उत्तर प्रदेश सं. - 8756011826