कविता

इंतज़ार के पल

कितने प्यारे होते है पल इंतज़ार के,
कभी बेइंतहा खुशी देते है ,
कभी इंतज़ार की झुंझलाहट ।।
पर बहुत खूबसूरत अहसास है इंतज़ार का ।।

जब भी किसी खास का करते है ,
इंतज़ार शिद्दत से हम…. तब ,
जाने कितने सपनें आ जाते है ,
दुनिया रंगीन हो जाती है एक पल में ।।

किसी के आने की कल्पना से ,
उसके संग आने वाली खुशियां,
उनके संग साथ से ही खोते है ,
एक अलग ही प्यारी दुनिया में ।।

इंतज़ार तो इंतज़ार है क्योंकि,
उसके पीछे खुशियां अपार,
इंतज़ार में उसके कटता नही समय ,
पल पल भारी बीतता है ।।

कभी उसका इंतजार रुलाता है
इंतज़ार का जो मज़ा है ,
वो मज़ा किसी ओर में नहीं,
दिल तड़फता इंतज़ार में ही ।।

दिल चहता है समेटना ,
जीना इन पलों को इंतजार के,
ताउम्र की यादें है यह समय,
इंतज़ार करना किसी खास का ।।।।

— डॉ सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।