स्वास्थ्य

कोरोना त्रासदी

चीन में जन्मा कोरोना मांसाहार व अभक्ष्य आहार की देन है | आज कोरोना ने पूरे विश्व पर खतरा पैदा कर दिया है |  विश्वभर के डॉक्टर, वैज्ञानिक कोरोना वायरस को लेकर चिंतित हैं | सारा विश्व कोरोना के आतंक की तबाही की जद में आ चुका है | धीरे-धीरे कोरोना एक महामारी का रूप धारण करता जा रहा है | चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है और वहीं कोरोना की वजह से सबसे अधिक मौतें हुईं हैं |
 हालांकि हमारे भारत में कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति बहुत कम मिले हैं, परन्तु भारत सरकार ने युद्धस्तर पर कोरोना वायरस से बचाव व जानकारी देने के लिए कार्य करना शुरू कर दिया है | जिस समय कोरोना का आतंक शुरू हुआ था, उस समय हमारे भारत में बसन्त ऋतु का मौसम था या यों कहें कि अभी चल रहा है | इस मौसम में अधिकतर सामान्य खाँसी, जुकाम होना आम बात है | और कोरोना वायरस के प्रारम्भिक लक्षण भी खाँसी, जुकाम, बुखार, गले में दर्द आदि हैं | लेकिन हमें भयभीत होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सामान्य खांसी, जुकाम कोरोना नहीं होता | कोरोना वायरस की चपेट में हम तभी आ सकते हैं जब सीधे कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति, वस्तु के सम्पर्क में बगैर सुरक्षा उपकरणों के आते हैं | हमें भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज़ करना चाहिए | नंगे हाथों से किसी व्यक्ति, वस्तु को नहीं छूना चाहिए | मुँह पर मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए | बाहर की खाने पीने वाली अधिकांश पेय खाद्य सामग्री का प्रयोग बंद कर देना चाहिए | मांसाहार का त्याग कर देना चाहिए और संभव हो तो मांसाहार हमेशा के लिए त्याग कर देना ही बेहतर है | भारतीय परम्पराओं, संस्कारों को विशेषतौर पर अमल में लाने पर भी कोरोना से बचाव हो सकता है, जैसे दूर से ही नमस्ते करना…
कुलमिलाकर आज कोरोना जैसी त्रासदी से उबरने के लिए पूरे विश्व को एक साथ मिलकर कोरोना से लड़ना जरूरी हो गया है |
हम भारतीयों को इस समय कोरोना वायरस से बचाव के लिए विशेषतौर पर जागरूक होने की जरूरत है, क्योंकि इस समय भारत में नवरात्रों की शुरूआत होने वाली है | देशभर में लाखों मेले, धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होने वाले हैं, जिनमें लाखों-करोड़ों व्यक्ति एक साथ इकट्टा होते हैं | तब इस महामारी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है | इस गंभीर समस्या को लेकर भारत सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है, फिर भी लोग अनजान बने कोरोना वायरस को लेकर मजाक बना रहे हैं | मित्रों हमें इस महामारी को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है और अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने की भी तथा अफवाहों से बचें |
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111