गीतिका
ना जमाना याद रखिए ना तराना याद रखिए
ना अपना याद रखिए ना सपना याद रखिए ।
भूल गया वह जमाना भूल गया वह तराना
जाने कहां गए वो दिन ये गाना याद रखिए ।
अब जो बचा हुआ है मानो वो अपना नहीं
सच में क्या खोना है क्या पाना याद रखिए ।
राजा रंक बनता जरा संभलकर चलना
हां आत्मबल पर विश्वास करना याद रखिए l
झोपड़ी से महलों का गुरुर मत कीजिए
अंत जहां जाना है वो ठिकाना याद रखिए ।
— डॉ सुनील कुमार