कोरोना विस्फोट
कोरोना ले रहा करवट ,
बह रही है बयार त्वरित ,
विस्फोटक होंगे मामले ,
अगले कुछ दिनों में ,
दस्तक दे दी द्वार-द्वार ,
नहीं माना लाकडाउन ,
घर पहूँचने की ललक ,
धकेल दिया धौकनी में ,
हर घर – गाँव को ,
गरीब को तो पता नहीं ,
सम्पन्न याचक बन रहे ,
ऐसे याचक को दे सजा ,
जगे रहो , करो जागरूक
क्या करना है देशहित
हो रहा है कोरोना विस्फोट ,
हर पल मौत की दस्तक ,
कौन किसे ढोयेगा ,
या कन्धे ही नसीब न होंगे,
अब भी सेंक रहे ख्याल ,
लाकडाउन से पहले
दिहाड़ी मजदूर क्या करेंगे
क्यो नहीं सोचा ,,
अब भी भाग रहे लोगों पर
कोई नियंत्रण नहीं ं
कोई रोकथाम नहीं ं
कहाँ है बढ रहे हाथ.,
कहाँ है भोजन पैकेज ,
कहाँ है शेल्टर हाउस ,
कुछ हाथों पहुंची सेवा से.,
न रोक सकेंगे कहर को ,
कर रहे है डर का व्यापार ,
नकली किट , नकली दवाएँ ,
और लाशों का व्यापार ,
क्या साथ ले जाएंगे
जब खडे हूए महल हो
और लाशों का ढेर हो…
हमें मानवता का कोहराम कर
दया , करुणा का आगाज कर
पवित्रता का वास कर
हर दिल शुचिता जगाकर
भक्ति और प्रेम की आराधना कर
कोरोना से लडना है ….
— विनोद कुमार जैन वाग्वर सागवाड़ा