कविता

मेरे घर

मेरे घर
मेरे आंगन
की बगिया में
गेंदा, गुलाब कई प्रजातियों के
फूल हैं।
खाद-पानी से नहीं
मेरे प्यार से खिलते हैं
मुझे अक्सर हंसाते हैं
यही कारण है कि
मै हमेशा बगिया को
सुंदर बनाने की कोशिश
करता रहता हूं।
ताकि मेरे
बगिया की खुशबू
चारों ओर फैले
और सभी के घरों में हो
प्यार स्नेह और आनंद का
वातावरण।

— कालिका प्रसाद सेमवाल

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171