कविता

प्रकृति खोजती है

आदतों में बदलाव खोजती है
ज़िन्दगी में ठहराव खोजती है
प्रकृति हम मनुष्यों में फिर से
मनुष्यता का भाव खोजती है।
सर्वधर्म समभाव खोजती है
प्रेम और सद्भाव खोजती है
प्रकृति वसुधैव कुटुंबकम् का
हम सभी में स्वभाव खोजती है
हरियाली और छांव खोजती है
पशु-पक्षियों का बसाव खोजती है
शुद्ध-सात्विक आहार-विहार का
अविरल बहाव खोजती है।

रानी कुमारी

शिक्षा- एम.ए. (इतिहास) सम्प्रति- शिक्षिका अभिरुचि- पढ़ना -पढ़ाना व रचनात्मक लेखन लेखन विधा- कविता, बाल कहानी, लघुकथा लेखन भाषा- हिन्दी निवास- पूर्णियाँ, बिहार।