गीत/नवगीत

हार और जीत

जिनके थे ,
बेजान इरादें ,
वो बाजी फिर हार गए ।

जिनके था ,
संकल्प जीत का,
वो जीते सब पार गए ।।१।।

कहां से आती जीत हाथ में
कहां से आती हार ।

खुद से आती जीत हाथ में
खुद से आती हार ।।२।।

जुनू नहीं था ,
जिनमें बिल्कुल ,
वो नखरे बेकार गए ।

जिनके था ,
संकल्प जीत का,
वो जीते सब पार गए ।।३।।

जिसने ठाना कर दिखलाया ,
उसने हर मंजिल को पाया ।

भाग्य कोसना श्अमनश् छोड़कर ,
दृढ़ संकल्पों को अपनाया ।।४।।

जिन सपनों में ,
जान भरी थी ,
वो सपने साकार गए ।

जिनके था ,
संकल्प जीत का,
वो जीते सब पार गए ।।५।।

— मुकेश बोहरा अमन

मुकेश बोहरा 'अमन'

पिता का नाम - स्व. श्री पारसमल बोहरा (जैन) माता का नाम - स्व. श्रीमती शान्ति देवी धर्मपत्नि - श्रीमती शान्ति बोहरा ‘शान्त’ अनुज भ्राता - श्री राहुल बोहरा ‘अमन’ संतान - 1. कार्तिक बोहरा 2. कु. संध्या बोहरा जन्म तिथि - 20.07.1984 शैक्षणिक योग्यता - अधि-स्नातक (हिन्दी), बी.एड. व्यवसाय:- शिक्षण कार्य, राजकीय सेवा में अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सांसियों का तला, बाड़मेर राजस्थान भारत प्रकाशित कृतियां - 1. महिला सशक्तिकरण को लेकर कालजयी कृति ‘‘हिम्मत है तो वार करो’’ 2. ओरण-गोचर संरक्षण को लेकर पुस्तक ‘‘ओरण हमारी धरोहर’’ 3. बाल साहित्य में ‘‘भगवान हमारे दादाजी’’ रूचियां:- काव्य लेखन, गद्य लेखन, स्वतंत्र पत्रकारिता, समाज-सेवा, किताबें पढ़ना आदि । स्थायी पता - अमन भवन, महावीर सर्किल, जूना केराडू मार्ग, बाड़मेर राजस्थान भारत 344001 मोबाईल नम्बर:- 8104123345, फेसबुक - कवि मुकेश अमन Email - [email protected]