वक्त ये गुजर जाएगा
ये न समझो कि जीवन ठहर जाएगा
वक्त मुश्किल है लेकिन गुजर जाएगा
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रौशनी हर तरफ होगी खुशियों भरी
ये अँधेरा भी डर से सिहर जाएगा
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जिसने घोला जहर सारे संसार में
शख़्स बचकर भला वो किधर जाएगा
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गाँव गलियाँ सड़क सब ही वीरान हैं
क्या पता कब करोना का डर जाएगा
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पल हैं फुर्सत के अपनों के संग बैठिए
रूठे रिश्तों में भी प्यार भर जाएगा
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जिसने हिम्मत की थामी है पतवार वो
तय है कि पार एक दिन उतर जाएगा
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रमा प्रवीर वर्मा