बाल कहानी : अपनी ताकत पर कभी घंमड ना करें
एकबार की बात एक घने जंगल में एक बहुत ताकतवर राजा रहता था, उसको अपनी ताकत पर बहुत घंमड था वह हमेशा घंमड में चूर रहता और किसी को भी कुछ नहीं मानता था, वह कभी किसी जरूरतमंद की मदद नहीं करता था । जगल के सब जानवर उसके अहंकारी व्यवहार को देखकर उससे बहुत ड़रते थे। एक दिन एक छोटी सी चिडिय़ा उस जगह से गुजर रही थी जहां वह घंमडी हाथी रहता था, चिडिय़ा भूख से बहुत बेहाल थी उसने हाथी को देखकर प्यार से कहा हाथी भाई-हाथी भाई जरा सुनना तुम्हारे पास कुछ खाने के मिलेगा क्या। हाथी गुस्से में चूर होकर बोला तेरी इतनी हिम्मत की तुझ जैसी छोटी चिडिय़ा मुझ जैसे ताकतवर हाथी से खाना मांग रही है, जबकी तुम मेरा कोई काम नहीं कर सकते हो। घंमडी हाथी चिडिय़ा को ललकारते बेहद गुस्से से बोला कि तूने अपना शरीर नहीं देखा कि तू कितनी छोटी है, ना ही तूने मेरा शरीर देखा की मैं कितना बड़ा हूँ मै तुझे एक चुटकी मैं अपने पैर से मसलकर मार दूंगा। चिडिय़ा बिना घबराए हाथी से बोली भईया गुस्सा करना अच्छी बात नहीं होती है, मैंने आपसे खाना मांगा था, अगर आपको खाना नहीं देना था तो मुझसे बिना गुस्सा करें मना कर देते, मैं खाने की तलाश में कहीं और चली जाती। चिडिय़ा बोली जिस तरह से हाथी भईया आपने घंमड चूर होकर मेरे छोटी होने का व कमजोर होने का उपहास उड़ाया है वह ठीक नहीं मैं भी एकदिन आपके काम आ सकती हूँ। हाथी अंहकार में जोर-जोर से चिंघाड़ कर चिडिय़ा का उपहास उड़ाने लगा, चिडिय़ा वहां से चुपचाप चली गयी। कुछ दिन बात चिडिय़ा फिर हाथी के पास से गुजर रही थी तो उसने देखा कि हाथी बदहवास होकर इधर-उधर भाग रहा है सभी जानवरों से मदद मांग रहा है लेकिन कोई भी भय के चलते उसके पास आकर हाथी की मदद नहीं कर रहा है, चिडिय़ा इस दर्दनाक नजारे को देखकर हाथी के पास जाकर बोली भईया क्या बात है कैसे इतना परेशान हो। हाथी उससे विनती करते हुए बोला छोटी चिडिय़ा एक छोटी सी चींटी सोते समय मेरी सूंड में घुस गयी है और वो मुझको मार डालेगी तुम भी बहुत छोटी हो मेरी सूंड में घुसकर चींटी को पकड़कर निकाल दो और मुझे बचालो। चिडिय़ा ने तुरंत ही हाथी की मदद कर दी और सूंड से चींटी को निकाल कर हाथी की जान बचा दी। चिडिय़ा के प्यार भरे मददगार व्यवहार को देखकर अब हाथी को बेहद शर्मिंदगी महसूस हुई , वह चिडिय़ा से माफी मागने लगा। चिडिय़ा उससे बोली भईया असली माफी जब होगी जब आप संकल्प लेंगे कि जीवन में कभी अपनी ताकत का घंमड नहीं करेंगे और किसी को अपने से कमजोर मानकर किसी का अपमान नहीं करेंगे। हाथी बोला मैं संकल्प लेता हूँ और उसके बाद हाथी सभी जानवरों की मदद करने लगा और वह बहुत मिलनसार हो गया।
शिक्षा :- हमको ताकत में चूर होकर कभी किसी को छोटा मानकर उसका अपमान नहीं करना चाहिए।।
✍️ — विनायक त्यागी