दहकती आग
वह क्या है जिसने संसार को बर्बाद किया है?
वह एक वायरस कोरोना है जिसने महामारी को जन्म दिया है।
कैसे लगी यह धधकती आग?
बुझ गए कई चिराग़ घरों के,
धुएँ की तरह उड़ गए सारे अरमान,
क्या मानवता का आधार खो गया है?
किस आग से दहक रहा यह संसार सारा,
अवश्य कोई तो है! जिसकी वजह से यह दुनिया जल रही है,
हमारा विश्वास मंद-मंद प्रज्वलित हो रहा है,
हमें इस दीपक को जलते रहने देना है,
इस दीपक में प्रेम को ही भरना है,
तो लेते हैं आज यह प्रण सब मिल,
समाप्त कर देंगे विश्व के सारे रण।
जय हिन्द जय भारत
मौलिक रचना
नूतन गर्ग (दिल्ली)