कविता

दूर से गूफ्तगु

भीड़ बहुत है ,
मेरे शहर में पर ,
कोई करीब नहीं ,
दूर से गुफ्तगू करें ।
दिल के आशियाने ,
दस्तक दे रहे पर
कोई करीब नहीं
दूर से गुफ्तगू करें ।
स्वप्न मुस्कुराते है
मन के आँगन में ,
ढूँढे दिल वो नहीं है,
दूर से गुफ्तगू करें ।
सावन गुजर गया ,
यौवन निखर गया ,
इन्तजार में ही तेरे ,
दूर से गुफ्तगू करें ।
जीवन ने रङ्ग बदले ,
प्रकृति ने करवट ली ,
कोरोना काल में हम
दूर से गुफ्तगू करें ।।

— विनोद कुमार जैन वाग्वर सागवाड़ा

विनोद कुमार जैन

विनाेद कुमार जैन "वाग्वर" वार्ड नं ६ , पंचायत समिति क्वार्टर नं ५ , सागवाड़ा , जिला डूंगरपुर राजस्थान माे - 9649978981 ई मेल - [email protected] जन्मतिथि -१७.९.१९६८ जीवन साथी - माया जैन वाग्वर पुत्र रत्न - तरंग जैन तथागत ( आठ माह का ) माता - सावित्री जैन पिता - स्व० शान्तिलाल जैन योग्यता - एम ए , बी एड़ पद - ग्राम विकास अधिकारी , पंचायती राज , राजस्थान । संस्थापक - हम जैन संगठन सचिव - शिक्षा लक्ष्मी याेजना मानद् निदेशक एवं मुख्य सलाहकार - वाग्वर विद्या भारती समिति सागवाडा शिक्षा मंत्री - भारतीय जैन एकता व मिलन फाउण्डेशन सदस्य - Human Rights Foundation of India. ट्रस्टी - वात्सल्य पुण्य प्रन्यास , सीपुर मानद् सीनियर रिपाेर्टर - राष्ट्रीय अहिंसा क्रान्ति ! लेखन - उन्मुक्त भाषा शैली , यथार्थ परक गद्य साहित्य , प्रतीकात्मक काव्य का सृजन !! कार्य - कैरियर काउसलिंग , प्रतियाेगी परीक्षा आधारित विभिन्न विषयाें की काेचिंग के सफलतम सलाहकार विशेषज्ञ !! सम्मान - शब्द श्री , साहित्य सेवक., दोहा श्री ( विश्व वाणी हिन्दी संस्थान जबलपुर व संगम साहित्य संस्थान दिल्ली), शब्द मनीषी (शीर्षक साहित्य समिति ), प्रभा श्री ।। प्रकाशन - काव्य संकलन - समवेत स्वर , मुक्तक के झरने , दोहा दोहा नर्मदा , उम्मीदों की उडान , यादों का सफर., वसुधैव कुटुम्बकम ्।। पुष्प वार्ता , घटती घटना , प्रभाश्री ज्ञान सागर , स्वैच्छिक दुनिया , अंहिसा क्रान्ति , राजस्थान पत्रिका , दैनिक भास्कर , आत्मा की ज्वाला , प्रात:काल , अर्जेन्ट टाइम्स , जैन गजट , प्रतिबिम्ब पत्रिका , वागड दुत व अन्य कई पत्रिकाआें में रचनाएं प्रकाशित !!