कविता

चंद्रयान की सुंदर पृथ्वी

22 अप्रैल पृथ्वी दिवस पर विशेष

चंद्रयान ने भेजी थी

पृथ्वी की सुंदर तस्वीर।

वो पृथ्वी जो ब्रह्मसाक्षी है

पांच सौ करोड़ों वर्षों की।

सागर, गिरि, पठार, जीवों की

उत्पत्ति के संघर्षों की।

मारियाना गर्त से लेकर

एवरेस्ट के शिखरों तक

संचारित वृहत्तम पृथ्वी।

विषुवत रेखा से दूर ध्रुवों तक

विस्तारित सुंदरतम पृथ्वी ।।1।।

 

चंद्रयान की तस्वीरों में

जल थल नभ कैसे दिखते हैं?

प्रत्यावर्तन और विवर्तन

विकिरण, विचलन, भूआकर्षण।

अपक्षय, क्षरण,  हिमाच्छादन

चुम्बक, विकिरण, भूनिर्धारण।

अलंकरण हैं पृथ्वी के।

आसमान से पातालों तक

मण्डल मण्डल सजती पृथ्वी।

सत्वकोर से पर्पटियों तक

कुण्डल कुण्डल रचती पृथ्वी।।2।।

 

चंद्रयान की दृष्टि वाली

नीली हरी थोड़ी सी काली।

जीवाश्म, नवीकरणीय संसाधन

खनिज, अयस्क, ऊर्जा उत्पादन।

चक्रवात, वृष्टि, सूखे का क्रंदन।

जलधि वर्धन, वैश्विक तापन

सद्य पीड़ाएं सहकर भी

खेतों से शैलों, भूनिकायों को

क्षमता क्षमता संवारती पृथ्वी

सूक्ष्म से लेकर भीमकायों को

ममता ममता दुलारती पृथ्वी।।3।।

 

चंद्रयान के नव लोचन से

किंचित भिन्न अन्य ग्रहों से

धड़क रही है जो सांसों से

महक रही है जो आसों से

मेधा सुधा से परितृप्त

पृथ्वी के नयनाभिराम के

सकल भावों से संतृप्त

कितनी अद्वितीय सी

सच अद्भुत सी अपनी पृथ्वी

चंद्रयान के परिमाणों से

सच अच्युत सी अपनी पृथ्वी ।।4।।

 

चंद्रयान की भेजी अहा सुंदर सी अपनी पृथ्वी

डॉ. शुभ्रता मिश्रा

डॉ. शुभ्रता मिश्रा वर्तमान में गोवा में हिन्दी के क्षेत्र में सक्रिय लेखन कार्य कर रही हैं । उनकी पुस्तक "भारतीय अंटार्कटिक संभारतंत्र" को राजभाषा विभाग के "राजीव गाँधी ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार-2012" से सम्मानित किया गया है । उनकी पुस्तक "धारा 370 मुक्त कश्मीर यथार्थ से स्वप्न की ओर" देश के प्रतिष्ठित वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित हुई है । इसके अलावा जे एम डी पब्लिकेशन (दिल्ली) द्वारा प्रकाशक एवं संपादक राघवेन्द्र ठाकुर के संपादन में प्रकाशनाधीन महिला रचनाकारों की महत्वपूर्ण पुस्तक "भारत की प्रतिभाशाली कवयित्रियाँ" और काव्य संग्रह "प्रेम काव्य सागर" में भी डॉ. शुभ्रता की कविताओं को शामिल किया गया है । मध्यप्रदेश हिन्दी प्रचार प्रसार परिषद् और जे एम डी पब्लिकेशन (दिल्ली)द्वारा संयुक्तरुप से डॉ. शुभ्रता मिश्राके साहित्यिक योगदान के लिए उनको नारी गौरव सम्मान प्रदान किया गया है। इसी वर्ष सुभांजलि प्रकाशन द्वारा डॉ. पुनीत बिसारिया एवम् विनोद पासी हंसकमल जी के संयुक्त संपादन में प्रकाशित पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न कलाम साहब को श्रद्धांजलिस्वरूप देश के 101 कवियों की कविताओं से सुसज्जित कविता संग्रह "कलाम को सलाम" में भी डॉ. शुभ्रता की कविताएँ शामिल हैं । साथ ही विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में डॉ. मिश्रा के हिन्दी लेख व कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं । डॉ शुभ्रता मिश्रा भारत के हिन्दीभाषी प्रदेश मध्यप्रदेश से हैं तथा प्रारम्भ से ही एक मेधावी शोधार्थी रहीं हैं । उन्होंने डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर से वनस्पतिशास्त्र में स्नातक (B.Sc.) व स्नातकोत्तर (M.Sc.) उपाधियाँ विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान के साथ प्राप्त की हैं । उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से वनस्पतिशास्त्र में डॉक्टरेट (Ph.D.) की उपाधि प्राप्त की है तथा पोस्ट डॉक्टोरल अनुसंधान कार्य भी किया है । वे अनेक शोधवृत्तियों एवम् पुरस्कारों से सम्मानित हैं । उन्हें उनके शोधकार्य के लिए "मध्यप्रदेश युवा वैज्ञानिक पुरस्कार" भी मिल चुका है । डॉ. मिश्रा की अँग्रेजी भाषा में वनस्पतिशास्त्र व पर्यावरणविज्ञान से संबंधित 15 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं ।