बाल कविता

बाल कविता – भारत को साफ़ रखेंगे

पूर्वजों ने स्वतंत्र भारत दिया

और हमने क्या हाल कर दिया

आज ख़ुद से अब वादा कर लिया

जूझने का अब इरादा कर लिया |

कचरा फैले ऐसा उत्पात न करेंगे

गर कोई करे तो उससे बात करेंगे

बच्चे हैं हम इस अनुपम माटी के

अपने भारत को साफ़ रखेंगे |

पॉलीथिन की थैली अब और नहीं

कपडे का थैला लेकर बाहर जाएंगे

जिनको मालूम नहीं यह रास्ता

उन्हे स्वच्छता की राह पर लाएंगे |

सड़को पर उतरेंगे अब बाल-गोपाल

घर में बैठे-बैठे होंठ नहीं हिलाएंगे

मुश्किल हो कितनी भी पर चलना है

आगे बढ़ धरती को चन्दन बनाएंगे |

समझो स्वच्छता केवल पर्याप्त नहीं

हम तो जल संरक्षण भी अपनाएंगे

रहे पर्यावरण स्वच्छ, सौम्य हमारा

हर हाल में इसे प्लास्टिक से बचाएंगे |

बाहर की स्वच्छता कैसे संभव होगी

भीतर से स्वयं को स्वच्छ बनाएंगे

जागरूकता है अभियान हमारा

हम बच्चे भी नित नए पेड़ लगाएंगे |

डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’

डॉ. रूपेश जैन 'राहत'

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