वाह वाह रच्चण हारया ….
हेलो वाणी
वाह वाह रच्चण हारया ….
वाह वाह रच्चण हारया तेरे रंग नियारे
कुदरत रखते बन्न के क्या खूब नज़ारे
हस्ती की सी बन्दे दी तू याद करा ती
भजदी फिरदी दुनिया झट जाम करा ती
अपणीं नज़रें बणया आपे तूं हीरो
रखता करके मालकां तू पल विच ज़ीरो … पल विच ज़ीरो
वेहण पिच्छां नूं आ गए पानी दे रुड़के
सन् सतानवे आ गया जिवें फेर तो मुड़के
वेहल नहीं सी जिना लई तू मिन्ट दी करदा
हुण बैठा विच हाय बचयां प्या गंडे वड़दा … गंडे वड़दा
घर वाली वी आखदी कदु जाऊ बीमारी
मैंनूं जाप्या मेरे ते गल्ल आगई सारी
पंछी वी हैरान ने हैरान ने कुत्ते
आदम जात न लभती कित्थे जा के सुत्ते
लिशकण धुप्पां मालकां ते शुद्ध हवावां
वातावरणो चक दियां तू सब बलावां
ओजोन लेयर दा जिनानूं सी फिकर सताया
ओ वी कैंदे कुदरत ने की खेल रचाया
अकलां वालयो अकलां उत्ते झात्ती मारो
औकात तो बाहर होके न तुसी झुल्ल खिलारो
ढाई हत्थ धरती आऊंदी सी तेरे हिस्से
ओ वी मितरा रह जाणिया गल बण के किस्से …. बण के किस्से
मरया मगरों कैंदे कोई हत्थ नी लाऊंदा
बंदे चो हुण बंदे दा मोह मुकदा जांदा
पैसा पैसा करदे सी नाले सोना-सोना
हुण सारी दुनिया पिट्टदी हाय-हाय कोरोना
पैसा पैसा करदे सी नाले सोना-सोना
हुण सारी दुनिया कूकदी हाय-हाय कोरोना .. हाय कोरोना
वाह वाह रच्चण हारया तेरे रंग नियारे
कुदरत रखते बन्न के क्या खूब नज़ारे
हिन्दी रूपान्तर
वाह वाह इस दुनिया को रचने वाले तेरे रंग निराले
कुदरत ने सबको बांध के रख दिया क्या खूब हैं नजारे
इंसान को उसकी हस्ती क्या थी तूने याद करा दी
भागती दौड़ती दुनिया को पल में जाम करा दी
ओ बन्दे अपनी नज़रों में बन गया तू आप ही हीरो
पर मालिक पल भर में तूने सब को कर दिया जीरो
बहता पानी मानो पीछे मुड़के आ गया
जैसे सन सतानवे वापिस मुड़ के आया
तेरे पास जिनसे बतियाने एक मिनट भी नहीं होता था
अब हाय तू बच्चों के बीच बैठा प्याज छीलता
तेरी घर वाली भी कहती है कब जायेगी ये बीमारी
मुझे लगता है कि सारी बात मुझ पर ही कह गई
पक्षी भी हैरान हैं और कुत्ते भी हैरान हैं
आदमी ढूंढे नहीं मिलता, कहां जाके सो गया है
चमकती हुई धूप ओ मेरे मालिक और शुद्ध हवाएं
वातावरण में से साफ कर दीं तूने सारी मुसीबतें
ओज़ोन लेयर की जिनको फिकर ने सताया
वो भी कहते हैं कुदरत ने क्या खेल रचाया
खुद को अकलमंद समझने वालों अपनी अकल में झांको
औकात से बाहर मत जाओ, रजाई से पैर बाहर न पसारो
मात्र ढाई हाथ जमीन ही जरूरी थी तेरे हिस्से
वो भी मित्र रह जायेगी बन के किस्से
मर गया है पर कोई हाथ नहीं लगा रहा
बंदे का बंदे में मोह खत्म होता जा रहा
पैसे पैसे के साथ रट लगाते थे सोना-सोना
अब सारी दुनिया पिट रही है हाय-हाय कोरोना
पैसे पैसे के साथ रट लगाते थे सोना-सोना
अब सारी दुनिया चीख रही हाय-हाय कोरोना
वाह वाह इस दुनिया को रचने वाले तेरे रंग निराले
कुदरत ने सबको बांध के रख दिया क्या खूब हैं नजारे