गीत/नवगीत

घर में रहना

घर में रहना, घर में रहना ,
सबसे विनती , कहना है ।

कोरोना है बड़ी बीमारी ,
सबको बचके रहना है ।।१।।

मुंह पर पट्टी, हाथ धुलाई ,
रखना हर पल साफ-सफाई ।

कोरोना से बचना है तो ,
आइसोलेशन सहना है ।।२।।

दुनिया भर के देश दुरूखी है ,
कैसा आलम, बेबसी है ,

सही समय पर चेत उठो अब,
वरना फिर तो ढहना है ।।३।।

आज बचे तो कल आएगा ,
रुका हुआ हर पल आएगा ।

वही सुरक्षित जिसने अपने ,
मुंह पर मास्क पहना है ।।४।।

सर्दी, खाँसी और बुखार ,
संक्रमण से भरा बजार ।

सावधानी और सजगता ,
अब जीवन का गहना है ।।५।।

सारी दुनिया त्राहिमाम है ,
हो गई सबकी सुबह शाम है ,

समझदार हो, घर पर रहना,
अमन का फिर से कहना है ।।६।।

— मुकेश बोहरा अमन

मुकेश बोहरा 'अमन'

पिता का नाम - स्व. श्री पारसमल बोहरा (जैन) माता का नाम - स्व. श्रीमती शान्ति देवी धर्मपत्नि - श्रीमती शान्ति बोहरा ‘शान्त’ अनुज भ्राता - श्री राहुल बोहरा ‘अमन’ संतान - 1. कार्तिक बोहरा 2. कु. संध्या बोहरा जन्म तिथि - 20.07.1984 शैक्षणिक योग्यता - अधि-स्नातक (हिन्दी), बी.एड. व्यवसाय:- शिक्षण कार्य, राजकीय सेवा में अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सांसियों का तला, बाड़मेर राजस्थान भारत प्रकाशित कृतियां - 1. महिला सशक्तिकरण को लेकर कालजयी कृति ‘‘हिम्मत है तो वार करो’’ 2. ओरण-गोचर संरक्षण को लेकर पुस्तक ‘‘ओरण हमारी धरोहर’’ 3. बाल साहित्य में ‘‘भगवान हमारे दादाजी’’ रूचियां:- काव्य लेखन, गद्य लेखन, स्वतंत्र पत्रकारिता, समाज-सेवा, किताबें पढ़ना आदि । स्थायी पता - अमन भवन, महावीर सर्किल, जूना केराडू मार्ग, बाड़मेर राजस्थान भारत 344001 मोबाईल नम्बर:- 8104123345, फेसबुक - कवि मुकेश अमन Email - [email protected]