कोरोना पर कुछ दोहे
पृथक् नहीं कोई रहे, सभी रहें संयुक्त
जीवन भर हम सब रहे, कोरोना से मुक्त 1
कुछ ऐसा होवे जतन, कुछ ऐसा हो योग
मिटे सकल संसार से, कोरोना का रोग 2
कोरोना से मुक्त हो, सकल विश्व परिवार
मातु शैलपुत्री करो, हम सबका उद्धार 3
निकट न आयेगा कभी, कोरोना का रोग
घर के अन्दर ही रहें, यदि घर-घर के लोग 4
जा तू अपने देश को, ऐ चीनी औलाद
वरना कोरोना तुझे, कर देंगे बर्बाद 5
दूर-दूर सबसे रहो, मानो यही सलाह
कोरोना से जीत की, यही एक है राह 6
ध्यान स्वयं का भी रहे, रहे सभी का ध्यान
फिर भागेगा देश से, कोरोना बेजान 7
कौन करे परिहास अब, कौन निकाले खीस
दुश्मन बनकर है खड़ा, जब कोविड-उन्नीस 8
पियें गर्म पानी कभी, काढ़ा या फिर चाय
कोरोना को मारने, का यह एक उपाय 9
खाना-पीना- घूमना, और मित्रता यार
इन सब पर भारी पड़ी, कोरोना की मार 10
बन्द कीजिये नाक-मुँह, रहिये सबसे दूर
कोरोना ने कर दिया, है इतना मजबूर 11
मिलना-जुलना छोड़िये, घर में रहिये यार
कोरोना का है यही, मात्र एक उपचार 12
एक जगह है चीन में, जिसका नाम वुहान
कोरोना उस जगह से पहुँचा, सकल जहान 13
नाक बहे खाँसी रहे , या फिर रहे जुकाम
समझ लीजिये कर दिया, कोरोना ने काम 14
जो घर से बाहर रहा, करा रहा उपचार
जो घर में बैठा रहा, हुआ नहीं बीमार 15
रहें अगर इक्कीस दिन, अपने घर में कैद
भूलेंगे फिर डाक्टर ,भूलेंगे फिर वैद्य 16
फैला पूरे विश्व में, कोरोना का रोग
जो भी लापरवाह है, वही भोगता भोग 17
संकट की आयी घड़ी, मुश्किल में है जान
कोरोना से मुक्ति दो, बाहुबली हनुमान 18
घर में बैठ बजाइये, घण्टी –थाली शंख
कर सकता फिर कुछ नहीं, कोरोना का वंश 19
घर में रहकर कीजिये, राम-नाम का जाप
निकट न आयेगा कभी, कोरोना का बाप 20
साफ़-सफाई से रहो, घर में बैठो यार
कोरोना की जंग से , कभी न मानो हार 21
एक तिहाई मिनट तक, धुलें-धुलायें हाथ
अगर जरूरत हो करें, तीन फीट से बात 22
रहें आप-हम सब यहाँ, इक दूजे से दूर
कोरोना ने कर दिया, है इतना मजबूर 23
अपने घर में ही रहें, तीन मई तक बन्द
लिखें- लिखायें हम सभी, मानवता के छन्द 24
बार-बार मत पोंछिये, आँख-नाक-मुँह-कान
तभी बचेगी आपकी, कोरोना से जान 25
अगर चाहिये आपको, जीवन बहर का साथ
थोड़ी-थोड़ी देर पर ,धुलते रहिये हाथ 26
— डॉ अशोक ‘ गुलशन’