कोरोना से क्यों डरना
नमस्कार दोस्तों,
उम्मीद करती हूँ कि आप सभी अपने अपने घरों में स्वास्थ्य होंगे , होंगे भी क्यों नहीं हम सब सावधानी रख रहे है और सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं । हम सभी अपने अपने कर्तव्यों को पूरा करेंगे तो जल्द ही कोरोना खत्म हो जाएगा ।
जब lockdown शुरू हुआ था तब सभी लोगो को निराशा हुई क्योंकि सभी लोगो का घर पर रहना आसान नही होता ।
लो लोग बाहर काम करने के आदि होते है वो कैसे रहे घर वो ही जानते है , कुछ लोगो के पास आफिस का काम घर पर आने लगा तो उनको कोई ज्यादा फर्क नही पड़ा।
घर की महिलाओं को समस्या का सामना करना पड़ा जो अभी भी है जैसे …. बाइयों का आना बंद हो गया , झाड़ू, पोछा, सफाई ,कपड़े, बर्तन खुद करने लगी। सभी के घर पर रहने से नाश्ता बनाती, दोहपर का भोजन , शाम की चाय , रात का खाना, इसके अतिरिक्त जो भी बच्चों या घर वालो की फरमाइश होती वो अलग बनाती ।
जब महिलाओं ने कोरोना से lockdown से हार नहीं मानी तो आज का युवा वर्ग , नोकरी पेशा वर्ग या व्यापारी क्यो घबरा रहे है ।
यह बन्द ज्यादा नही था मात्र दो महीने का था क्या कभी कभी हम पारिवारिक कारण, बीमारी या अन्य किसी कारण से प्रतिष्ठान बंद नही रखते , रखते बिल्कुल रखते है ।
इस बन्द को कुछ लोगों ने सकारात्म लिया है इस समय मे उन्होंने अपने समय को नया सीखने, पुराने को ज्यादा अच्छी तरह समझने में लगाया है क्योंकि उनको मालूम है कि इस बन्द के बाद उनको नई शुरुआत करनी है जो कैसे भी हो सकती है ।
ऐसे समय में खुद को ,आस पास के लोगो को हमको ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक रखना है। यह समय हमेशा नही रहेगा जल्द चला जायेगा उसकी लिए खुद को समय देना है ।
पहले भी बहुत बीमारी , भूकंप, बाढ़, जैसी विप्पत्ति आई सब खत्म भी हुआ लेकिन दुबारा खड़े हो उस जगह को लोगो ने सम्पन्न बनाया है ।
आज वही समय आया है सभी को अभी और आने वाले समय के लिए एक दूसरे की मदद, सावधानी , करते हुए तैयार होना है ।
तो कोरोना से घबराए नही सावधानी रख सकारात्मक रूप से आगे बढे।।
— डॉ सारिका औदिच्य