खुद तैयार रहो
कोरोना को बढने से रोकना है तो
सावधानी ही उपाय है तो.
हम कहाँ गुनाह कर रहे है ,
मै तबलीगी जमाती मरकज ही तो कर रहा हूँ
मै एक छात्र अपने घर ही तो जा रहा हूंँ ,
मै प्रवासी दिहाड़ी मजदूर घर ही तो जा रहा हूँ ,
कोरोना से मरे या भुख से ,.
लोकडाउन की असफलता कहे ,
राष्ट्र प्रेम की यह मिसाल
किसी को अपने परिवार से
समाज से , राष्ट्र से प्रेम नहीं है
मोदी सरकार की गाइडलाइंस
का उल्लंघन कर
कोरोना को विस्फोटक स्वरुप
गाँव गाँव ढाणी ढाणी ले आये ,
हम देशहित में अपनी जगह नही रह सकते
सेना भी यही सोच रखे तो ,
हमने क्या क्या नहीं किया
डाक्टर., पुलिस ,.सेना के खिलाफ ,
महामारी रोकने सब सहते रहे
पर अब हमे सहना पडेगा ,
सरकार और कोरोना वारियर्स
उतना ही करेंगें
जितना कर सकते है
अब अपनी जङ्ग लडने
खुद तैयार रहो ।
विनोद कुमार जैन वाग्वर सागवाड़ा