कविता

पर्यावरण

आओ पुष्प की वाटिका लगाएं
    पर्यावरण को स्वस्थ बनाए
जिस पर आश्रित पूरा भव है
     जीवन भी जहां सम्भव है
आओ पर्यावरण प्रेमी बनें हम
    जीवन को रक्षित करें हम
हरियाली मनमोहक लगती
     प्रकृति मंजु जब लगती
आओ सब मिल करें श्रृंगार
    मनुष्यों पर ये करें उपकार
ऋषि मुनि सब वेद हैं कहते
एक पेड़ दस पुत्र सम होते
  धन्य धन्य जो पेड़ लगाए
   इंसानियत की सीख दिलाये
दुल्हन सम सुन्दर होगी प्रकृति
    तभी होगी सुरम्य उन्नति
— श्रेया द्विवेदी

श्रेया द्विवेदी

सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय देवीगंज कड़ा कौशाम्बी उत्तर प्रदेश