बोल प्यार के बोल सखे
मन की गाँठे खोल सखे
बोल प्यार के बोल सखे
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ये सच है कि होता है
सपनों का भी मोल सखे
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उसकी आँखें कहती हैं
कुछ न कुछ है झोल सखे
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बात कभी तो मान मेरी
मत कर टालमटोल सखे
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धन दौलत के पलड़े पर
रिश्तों को मत तोल सखे
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रमा कहे तो मैं खोलूँ
आज सभी की पोल सखे
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रमा प्रवीर वर्मा