देश हित
आराधक हम राष्ट्र वाद के , राष्ट्र हित सब काज करें ।
जब तक जान है शरीर में , राष्ट्र हित आगाज करें ।।
मजदूरों के नियोजन को ,
करने ढेरों काम तुम्हें ।
उत्पादन की गुणवत्ता को ,
करना है आगाज तुम्हें ।
घर-घर देशी सामग्री को ,
पहूँचाने का काम तुम्हें ।
आत्म निर्भर बनाने भारत ,
करने है सब काज तुम्हें ।
आराधक हम राष्ट्र वाद के , राष्ट्र हित सब काज करें ।
जब तक जान है शरीर में , राष्ट्र हित आगाज करें ।।
जो करना है आज करो ,
मत छोड़ो कल पर ।
बढ चले गर जो कदम ,
रुकना नहीं डगर पर ।
चाहे आये लाख रुकावटें ,
हताश नहीं कदम पर ।
मिलती सदा ही मंजिल ,
अब उन्हें ही सफर पर ।
आराधक हम राष्ट्र वाद के , राष्ट्र हित सब काज करें ।
जब तक जान है शरीर में , राष्ट्र हित आगाज करें ।।
विनोद कुमार जैन वाग्वर सागवाड़ा