इंसान
इंसान जब इस धरती पर आता है
कितने सारे वो काम कर जाता है ।
कभी लोगों का प्राण बन जाता है
कभी प्रेम से संसार जीत जाता है ।
नन्हें नन्हें पैरों से चलकर आता है
बड़े बड़े सपने वो देकर जाता है ।
कितनी ही आशाएँ लेकर आता है
कितने ही वायदे वो कर जाता है ।
आशाएँ हकीक़त का रूप जब लेती है
वायदे पूरे होते दिखाई देने लगते हैं ।
चलते चलते एक दिन वो वक्त भी आता है
जब सबकी आंखों में आंसू दे जाता है ।
जीवन मरण का चक्र चलता रहता है
न कभी रूका है न कभी रूकेगा।