राजनीति

प्रवासी मजदूर हमारे विकास के लिए ताकत व अवसर

कोरोना के खिलाफ जारी इस लड़ाई में प्रवासी श्रमिक भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं तथा देशभर के राज्यों से उनका अभूतपूर्व पलायन हो रहा है। संकट की इस घड़ी में श्रमिक अपने भरे पूरे परिवार के साथ काफी तेजी से पलायन कर रहे हैं तथा रेल, बस व ट्रक सहित जो भी साधन मिले उनके माध्यम से ये लोग पलायित हो रहे हें। कोरोना महामारी के दौर में यह पलायन बहुत बड़ा संकट बनकर तो उभरा ही है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी संकल्प शक्ति व दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कोराना के खिलाफ जंग में डटे रहकर प्रवासी श्रमिकों के हित व उनके कल्याण के लिए बड़े व साहसिक निर्णय ले रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां प्रवासी श्रमिकों के लिये प्रवासी रोजगार आयोग बनाने का फैसला लिया गया है। यही नहीं प्रदेश लौट रहे प्रवासी श्रमिकों का राशन कार्ड बनाने से लेकर उनके लिये कम किराये वाला मकान देने के साथ ही तमाम योजनायें प्रदेश सरकार लागू करने जा रही है। प्रदेश में आ रहे प्रवासी श्रमिकों का पूरी तरह से ध्यान रखा जा रहा है। उनका क्वारंटाइन समय समाप्त होते ही उनको उनके मन व योग्यता के अनुसार काम देने की योजना पर भी बल दिया जा रहा है। आज योगी सरकार एक ऐसी सरकार बन गयी है जो प्रवासी मजदूरों के लिए हर प्रकार के कदम उठा रही है तथा मीडिया-जनता के बीच प्रशंसा भी हो रही है।
प्रदेश के इतिहास मेें ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश के 11 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों को रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार तथा इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), फिक्की, लघु उद्योग भारती और नारडेको के साथ एमआकेयू पर हस्ताक्षर हुए। इस एमओयू से प्रदेश के 11 लाख श्रमिकों व कामगारों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि विभिन्न राज्यों से जितने भी श्रमिक व कामगार प्रदेश में आ रहे हैं, वे हमारी ताकत हैं। इस ताकत का इस्तेमाल प्रदेश के नवनिर्माण के लिए करेंगे। बड़ी संख्या में पेंटर, राजमिस़्त्री, प्लंबर, पैरामेडिक्स, कम्प्यूटर आपरेटर सहित विभिन क्षेत्रों के स्किल्ड लोगों की स्किल मैपिंग की जा रही है। सरकार हर हाथ को काम व हर घर को रोजगार देने के लिए संकल्पित है। लेकिन प्रदेश के निराशावादी राजनैतिक दल हर अच्छे कामों को बुरी निगाह से ही देख रहे हैं तथा प्रतिदिन सरकार के खिलाफ झूठी व तथ्यहीन बातों के आधार पर निम्नस्तरीय बयानबाजी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ बैठक के दौरान बताया कि प्रवासी आयोग के माध्यम से कामगारों को हुनर के हिसाब से प्रदेश में ही रोजगार व मानदेय दिलाया जायेगा। इस आयोग के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक भागीदारी भी सुनिश्चित की जायेगी।
उन्होंने कहा कि अब दूसरे राज्योें को यूपी से श्रमिकों को ले जाने के लिए सरकारी अनुमति लेनी जरूरी होगी। दूसरे राज्यों में प्रदेश के श्रमिकों की दुर्गति के कारण हमारी सरकार ने यह निश्चय किया है। प्रवासी आयोग रोजगार के लिए सभी विभागों से समन्वय स्थापित करेगा। जरूरी दिशा निर्देश देगा और समय-समय पर समीक्षा करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कामगारों और श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कामगारों व श्रमिकों को राज्यस्तर पर बीमे का लाभ देने की व्यवस्था की जाये। इससे उनका जीवन सुरक्षित हो सकेगा।
स्किल मैपिंग- प्रवासी श्रमिकों को 93 श्रेणियौं में बांटकर उनकी स्किल मैपिंग की जा रही है। अब तक दो लाख से अधिक प्रवासियों की हुनर के आधार पर पहचान हुई है तथा 18 लाख से अधिक का पंजीकरण कराया जा चुका है। प्रदेश में अभी तक 23 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं। श्रमिकों के लिए श्रम विभाग में पंजीकरण कराना आसान व अनिवार्य कर दिया गया है। आनलाइन और श्रम कार्यालय के अलावा अब जनसुविधा केंद्रों पर जाकर भी श्रमिक अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए केवल बीस रुपये पंजीकरण शुल्क लगेगा और बीस रुपये ही एक साल की फीस होगी। तीन साल के पंजीकरण के लिए 80 रूपये खर्च होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी स्किल मैपिंग का उल्लेख किया है।
प्रदेश सरकार लाखों की संख्या में घर लौट रहे प्रवासियों का घर-घर सर्वे करायेगी। इसके माध्यम से प्रवासी की कुशल व अकुशल श्रमिक के रूप में पहचान होगी। इसके बाद इन सभी को रोजगार से जोडने का प्रयास होगा। अपर मुख्य सचिव राजस्व ने इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। प्रदेश सरकार वर्तमान में दूसरे राज्यों से यूपी में पहुुंचने के स्थान व यहां से छूटे लोगों को क्वारांटीन केंद्रों व आश्रय केंद्रों पर आनलाइन विवरण दर्ज करा रही है।
प्रवासी श्रमिकों व शहरी गरीबों को मिलेगी कम किराये वाली छत- देशभर से प्रदेश में प्रवेश कर रहे प्रवासी श्रमिकों व शहरी गरीबों के लिए कम किराये वाला मकान देने की योजना बनी है तथा उस पर काम भी शुरू हो गया है। ग्राम समाज की जमीनों पर यह मकान पीपीपी माॅडल पर बनाये जायेंगे। मकान बनवाने की जिमेदारी नगर विकास विभाग और सूडा को दी गयी है।
सरकार ने कामगार व श्रमिकों को राशन किट, राशन कार्ड तथा होम क्वारंटीन के दौरान एक हजार रुपये का भरण पोषण भत्ता भी देने का आदेश जारी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को कृषि विभाग व दुग्ध समितियों में बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।
— मृत्युंजय दीक्षित