लघुकथा

चेक का चक्कर

चेक का चक्कर
आलोक अपनी रेडी मेड कपड़ों की खुदरा दुकान में बिक्री हेतु अलग – अलग थोक विक्रेताओं से माल मंगवाता। रुपयों की वसूली के लिए हर महीने आने वाले व्यापारियों को भुगतान नगद में करता। आलोक को हर महीने रुपयों की व्यवस्था करने में दिक्कत होती देख, शुभचिंतक होने के नाते उसे समझाते हुए कहा, “ मेरी राय मानो तो बैंक में ख़ाता खोल कर उनसे चेक बुक ले लो। रुपयों की परेशानी हो तो उस दिन आने वाले व्यापारी को अगली तारीख़ का चेक दिया करो, इससे तुम्हारी मुश्किल आसान होगी। “ आलोक को मेरा सुझाव पसंद आया। बार – बार मेरा आभार माना।
हर महीने की तरह मैं आलोक के दुकान पर पहुंचा। इधर – उधर की बातें की। चाय पी। मैंने उनसे ओर्डर और पेमेंट मांगा। उसने तुरंत ओर्डर लिखवाया। बाद में चेक थमाया, जोकि पहले से ही लिखकर तैयार रखा था। चेक को गौर से देखने के बाद, मैंने उसे अपनी बैग में डाला। मुस्कुराकर आलोक से कहा, “ भाई वाह! मेरा बताया नुस्खा सबसे पहले मुझी पर आजमा डाला। “ मेरी बात सुनकर वे झेंप गए।
– अशोक वाधवाणी,

अशोक वाधवाणी

पेशे से कारोबारी। शौकिया लेखन। लेखन की शुरूआत दैनिक ' नवभारत ‘ , मुंबई ( २००७ ) से। एक आलेख और कई लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ नवभारत टाइम्स ‘, मुंबई में दो व्यंग्य प्रकाशित। त्रैमासिक पत्रिका ‘ कथाबिंब ‘, मुंबई में दो लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ आज का आनंद ‘ , पुणे ( महाराष्ट्र ) और ‘ गर्दभराग ‘ ( उज्जैन, म. प्र. ) में कई व्यंग, तुकबंदी, पैरोड़ी प्रकाशित। दैनिक ‘ नवज्योति ‘ ( जयपुर, राजस्थान ) में दो लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ भास्कर ‘ के ‘ अहा! ज़िंदगी ‘ परिशिष्ट में संस्मरण और ‘ मधुरिमा ‘ में एक लघुकथा प्रकाशित। मासिक ‘ शुभ तारिका ‘, अम्बाला छावनी ( हरियाणा ) में व्यंग कहानी प्रकाशित। कोल्हापुर, महाराष्ट्र से प्रकाशित ‘ लोकमत समाचार ‘ में २००९ से २०१४ तक विभिन्न विधाओं में नियमित लेखन। मासिक ‘ सत्य की मशाल ‘, ( भोपाल, म. प्र. ) में चार लघुकथाएं प्रकाशित। जोधपुर, जयपुर, रायपुर, जबलपुर, नागपुर, दिल्ली शहरों से सिंधी समुदाय द्वारा प्रकाशित हिंदी पत्र – पत्रिकाओं में सतत लेखन। पता- ओम इमिटेशन ज्युलरी, सुरभि बार के सामने, निकट सिटी बस स्टैंड, पो : गांधी नगर – ४१६११९, जि : कोल्हापुर, महाराष्ट्र, मो : ९४२१२१६२८८, ईमेल [email protected]