हे श्रम वीरो तुम्हें मेरा नमन
ये धरती माँ अपनी, श्रमिक है इनका श्रृंगार।
इन श्रम वीरों के श्रम शक्ति को मेरा नमन है बारम्बार।।
प्रगति का पहला पथ है श्रम,बिन श्रम सब बेकार।
श्रम का ही देन है, ताजमहल और कुतूब मीनार।।
गांव-गांव और शहर-शहर में सड़कों का हुआ विस्तार।
चले मशीने उद्योगों में, बढ़ा रेल गाड़ियों में रफ्तार।।
कर्तव्य, निष्ठा और अनुशासित,देश के के कर्णधार।
आत्मविश्वास और संकल्प के प्रतीक के ये सूत्रधार।।
स्वार्थ त्याग ये परिश्रम करते,कभी न होते लाचार।
पावनधरा की सौंधी खुशबू, के है ये आधार।।
राष्ट्र उत्थान में जीवन अर्पण, देश का बड़ा कारोबार।
श्रमवीरों के श्रम शक्ति को मेरा नमन है बारम्बार ।।
ये धरती माँ अपनी, श्रमिक है इनका श्रृंगार।
इन श्रमवीरों के श्रम शक्ति को मेरा नमन है बारम्बार।।
— जीवन लाल पटेल