गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

धूप का जिक्र कभी छाँव की बातें करना
कभी शहरों की कभी गाँव की बातें करना
दस्तकें देती हथेली से लहू के किस्से
और छालों से कभी पाँव की बातें करना
कभी आँगन में उतरते हुए सूरज को नमन
कभी बदली में छिपे चाँद की बातें करना
कभी दरिया से चुहल और झड़प झरनों से
कभी तूफान कभी नाव की बातें करना
‘शान्त’ धरती को दिखाना कभी उड़ते बादल
राहगीरों से कभी ठाँव की बातें करना

— देवकी नन्दन ‘शान्त’

देवकी नंदन 'शान्त'

अवकाश प्राप्त मुख्य अभियंता, बिजली बोर्ड, उत्तर प्रदेश. प्रकाशित कृतियाँ - तलाश (ग़ज़ल संग्रह), तलाश जारी है (ग़ज़ल संग्रह). निवासी- लखनऊ