बांस व्यवसाय – बिहार के लिए एक अवसर
आज जब पूरा देश आत्मनिर्भर बनने की बात कर रहा है तो हम बिहारी किसी से क्यों पीछे रहे। जैसा कि हम जानते हैं कि किसी भी देश या राज्य का विकास करने के लिए वयापार को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है और खास कर के वास्तुयों का उतपादन और निर्यात किसी भी देश या राज्य की जीडीपी को बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान देता है। आज हम ऐसे व्यापार तरकीब के बारे में जानेंगे जिसमें काफी ज्यादा अवसर और संभावनाए हैं भारत में और खास करके हमारे राज्य बिहार में।
दोस्तो मैं बांस की बात कर रहा हूं। पहले हम ये जान लेते है कि आजतक बांस के वयापार में हम आगे क्यों नही बढ़ पाए? आइये चर्चा करते हैं। आप सबको ये जानकर हैरानी होगी कि पूरे विश्व में बांस का कुल उत्पादन का 19% भारत में होता है और चीन के बाद भारत इसके उत्पादन में दूसरे नंबर पे आता है, पर पूरे विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा केवल 6% है। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि साधन होने के बावजूद हम कितने पीछे चल रहे हैं। अब बड़ा सवाल ये है कि ऐसा क्यों हैं?
जहाँ पूरा विश्व बांस को घास की श्रेणी में रखता हैं, वहाँ भारत की सरकार इसे पेड़ की श्रेणी में रखती थी और हम सब जानते हैं भारतीय वन अधिनियम, 1927 के अंतर्गत भारत मे कोई भी पेड़ आप अपने निजी कार्य के लिए नहीं काट सकते, जिसके कारण इसे उगाने वाले किसान भी इसे निजी फायदे के लिए बेच नहीं पाते थे। पर अब घबराने की कोई बात नही हैं। भारत सरकार ने देर से ही सही बांस की उपयोगिता को समझा है और लोकसभा ने भारतीय वन (संशोधन) विधेयक, 2017 पारित किया है जो अब बांस को वृक्ष की परिभाषा से बाहर लाएगा। चूंकि बांस को पिछले कानून के तहत एक पेड़ के रूप में परिभाषित किया गया था, इसलिए इसे काटने, एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए काफी सरकारी अनुमोदन की आवस्यकता होती थी पर भारतीय वन (संशोधन) विधेयक, 2017 के बाद ये समस्या समाप्त हो गयी है।
वैसे तो बांस की खेती करने के काफी फायदे हैं, पर सबसे बेहतरीन फायदा है कि बांस ग्रीन हाउस गैसों को सोखता है और ऑक्सिजन छोड़ता है। अपनी तेज़ी से उगने की प्रक्रिया के कारण ये दुनिया के घटते जंगलों को बचाने में मदद करता है। इसकी तेज़ी से उगने की छमता के कारण इसे 1 से 5 साल में काटा जा सकता है। इसकी व्यापक जड़ प्रणाली के कारण, मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करता है।
अब हम ये जानते हैं कि बांस से हम किन किन चीजों का व्यापार चालू कर सकते हैं। वैसे तो बांस से हम 100 से ज्यादा चीज़ें बनाकर तैयार कर सकते है पर बांस से जुड़े कुछ बेहतरिन व्यावसायिक विचार के बारे में मैं आपको बताता हूँ, जिससे हम काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
1. बांस से बने फर्नीचर – बांस से बने फर्नीचर काफी मजबूत और खूबूसरत होते हैं, जिसमे घुन लगने का खतरा बिल्कुल भी नहीं होता है। आज जब हम अपने पेड़ बचाने की बात कर रहे हैं, तब बांस, लकड़ियों से बने फर्नीचर का एक अच्छा विकल्प बनके सामने आ रहा है, जिसकी कटाई से पर्यावरण को कोई खतरा भी नही है।
2. इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में बांस का इस्तेमाल – इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य में भी काफी बांस का प्रयोग होता हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाने वाली कंपनियों को इसे बेचकर काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं।
3. बांस के कागज़ – बांस का उपयोग कागज़ बनाने में भी इस्तेमाल होता हैं, इसके निर्माण के लिए आप एक छोटी सी यूनिट बना सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं।
4. बांस से बने वाइन – जी हां आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं, बांस का उपयोग वाइन बनने में भी होता है और रोजगार का अच्छा स्रोत है।
5. बांस की बनी बोतल – ये एक बहुत नया उत्पाद हैं जो उत्तर पूर्व के लोग काफी बना रहे हैं, इसमे मुनाफा अच्छा है, तो हम बिहारी क्यों पीछे रहें। इसमें आप 100% से ज्यादा मुनाफा भी कमा सकते हैं।
6. बांस से बने टूथब्रश – प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने के लिए इसकी मांग काफी ज्यादा बढ़ी है, इसका उत्पादन करना काफी फायदे का सौदा हैं।
7. बांस का घर – भारत मे बांस से बने घर आजकल काफी आकर्षण बटोर रहे हैं। ये भी बिहार की अर्थव्यवस्था के लिए एक तुर्प का इक्का साबित हो सकता है।
8. बांस का निर्यात – आपको ये बात सुनके हैरानी होगी कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांस उत्पादन करने वाला देश होने के बावजूद हमारा निर्यात न के बराबर है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बांस के निर्यात में कितनी संभावनाए हैं।
इसी तरह बांस से बनने वाले वस्तुओं की कतार काफी लंबी है। तो आइए हम बिहारी आज ये प्रण लें कि आने वाले समय में हम अपने प्यारे बिहार को एक आर्थिक शक्ति बनाएंगे और हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल कायम करेंगे और उनके सामने अनंत संभावनाओं का अम्बार लगा देंगे।
— सोनल सिन्हा