नई शुरुआत
गतिहीन हुई है ये जिंदगी
रुकी हुई है सब बन्दगी
टूट रहा है सारा सब्र
थम गई है सब जिंदगी
जिंदगी की राह को हम
सब रोशन पुनः कर लेंगे
न बिलकुल अधीर हो प्यारे
फिर नई शुरुआत कर लेंगे
माना है सब बन्द गलियाँ
कैद उपवन,कैद कलियाँ
जल्द ही सब आज़ाद होंगे
खिलखिलायेंगी ये गालियां
गली के हर एक मोड़ को
फिर आबाद हम कर लेंगे
न तनिक घबराओ प्यारे
फिर नई शुरुआत कर लेंगे
भाग्य का है खेल सारा
दनुजता का दोष सारा
हो किसी की भूल चाहे
या क्रूर व्यवहार सारा
यदि मानव की भूल है तो
फिर सुधार कर लेंगे
निराशा की इस निशा को
पुनः जगमग कर देंगे
न तनिक घबराओ प्यारे
फिर नई शुरूआत कर लेंगे।
— श्रेया द्विवेदी