गालवान की गोद में
गिरकर जो हिमश्रृङ्गों से
शौर्य शिखर पर उदित हुए
तजकर स्थुल काया को
कोटि हृदयों में जीवित हुए
जो गालवान की घाटी में
साहस के गौरव गान हुए
जिनकी कीर्तिरश्मि में कुंद
कोटि कोटि दिनमान हुए
मैं उन भारत के वीरों का
सादर अभिनंदन करता हूं
उनकी पावन स्मृतियों में
नत मस्तक वंदन करता हूं
जय हिन्द
जय हिन्द की सेना
समर नाथ मिश्र
रायपुुर