मेरी हसरतें
हसरतें थी मेरी कुछ
कर दिखाने की
वह तो ऐसे बिखर गई
जैसे रेत का घरौंदा
बिखर जाता है
पर
मैं यही ख़ामोश
नहीं रहूंगा
उनको समेटने का
प्रयास निरंतर करूंगा
और एक न एक दिन
अपनी हसरतों को
उनके मुकाम तक
पहुंचा कर ही
चैन की सांस लूंगा।।