गीत/नवगीत

अरिदल जो देखे आँख उठा…..

मन में ज्वाला सी दहक उठे, औ अग्नि नयन से बरसे
अरिदल जो देखे आँख उठा, निज प्राणों को फिर तरसे

देशभक्ति की धार हृदय से,
टप टप टप टप टपके,
हिम प्रदेश में तना खड़ा है,
पलक नहीं वह झपके,
है शत्रु सामने कुटिल बड़ा,
छल आयुध लेकर लपके,
भारत माँ का लाल अड़ा है,
रण कौशल में तपके

निरख तिरंगे को लहराते, वह झूम-झूम कर हरसे
अरिदल जो देखे आँख उठा, निज प्राणों को फिर तरसे

जयचंदों का गिद्ध झुंड है,
घर में भीतर छुपके
करता साजिश की तैयारी
शातिर चुपके चुपके
चाल प्रपंची चलता भीषण
आसतीन में दुबके
गद्दारों का पाप देख कर
भारत माता सुबके

बहुत हुआ ड्रैगन से यारी, है नीर चढ़ा अब सरसे

अरिदल जो देखे आँख उठा, निज प्राणों को फिर तरसे

अनंत पुरोहित ‘अनंत’

अनंत पुरोहित 'अनंत'

*पिता* ~ श्री बी आर पुरोहित *माता* ~ श्रीमती जाह्नवी पुरोहित *जन्म व जन्मस्थान* ~ 28.07.1981 ग्रा खटखटी, पोस्ट बसना जि. महासमुंद (छ.ग.) - 493554 *शिक्षा* ~ बीई (मैकेनिकल) *संप्रति* ~ जनरल मैनेजर (पाॅवर प्लांट, ड्रोलिया इलेक्ट्रोस्टील्स प्रा लि) *लेखन विधा* ~ कहानी, नवगीत, हाइकु, आलेख, छंद *प्रकाशित पुस्तकें* ~ 'ये कुण्डलियाँ बोलती हैं' (साझा कुण्डलियाँ संग्रह) *प्राप्त सम्मान* ~ नवीन कदम की ओर से श्रेष्ठ लघुकथा का सम्मान *संपर्क सूत्र* ~ 8602374011, 7999190954 [email protected]