कविता

जीवन

तृष्णा और छल-छदम् मिटाओ |
प्रेमभाव अपने हृदय में जगाओ ||
शुष्क मन को पुष्प सा खिलाओ |
राग द्वेष से सब द्वन्द भगाओ ||

छोटी हो या बड़ी बाधा से मत घबराओ |
भर साहस हर बाधा से तुम लड़ जाओ ||
सदाचार अपनाकर नित आगे बढ़ते जाओ |
नफरत की इस दुनिया में प्रेमरंग बरसाओ ||

स्वार्थ को जागने से पहले ही जलाओ |
निस्वार्थ का कर आह्वान उसे बुलाओ ||
मानवता के पथ पर आगे बढ़ते जाओ |
निज जीवन हर्षोल्लास से जीते जाओ ||

वसुन्धरा को नेक कर्मों से स्वर्ग बनाओ |
राष्ट्र हित तन-मन-धन अर्पण कर जाओ ||
अच्छे कर्मों से जग बगिया मंहकाओ |
निर्भय हो जीवन सुखमय जीते जाओ ||

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111