चाईनीज़ एप पर लगाम अर्थात आनलाइन मुजरा बंद
यूँ तो सत्तासीन पार्टी जब से सत्ता पर काबिज हुई है कुछ ना कुछ तूफानी ही करती आई है। लेकिन इस बार जो सरकार ने जो निर्णय लिया है,वो बेहद काबिलेतारीफ है। सरकार ने चाईना के साथ भारत के मौजूदा हालात को देखते हुए चाईना द्वारा निर्मित 59 चाईनीज़ एप पर सीधे सर्जिकल स्ट्राइक की है। इस सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सोशलमीडिया से लेकर असल जिंदगी में लोग सरकार की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।तारीफ होनी भी चाहिए क्योंकि देश की युवा शक्ति इन चाईनीज़ एप का धीरे-धीरे गुलाम होती जा रही थी।अपने वास्तविक वजूद को खोते हुए मानसिक तौर पर अस्वस्थ होते जा रहे थे।जिसके प्रत्यक्ष उदाहरण हमारे आस पड़ोस में देखने को मिल जाते थे। कोई कुछ भी कहे लेकिन सरकार द्वारा चाईनीज एप बैन किए जाने के निर्णय से
वो सभी माँ बाप खुश हैं जिन्हे लाखों मन्नतों के बाद बेटा हुआ था लेकिन युवा अवस्था में आते-आते वह बेटा, बेटा कम तथा सोशलमीडिया पर मुजरा करने वाली नचनियां के नाम पर ज्यादा प्रसिद्ध हो गया था। बेटे की इस मानसिक बीमारी को देख माता-पिता स्वयं मानसिक अवसाद से गुजरने लगे थे।यही हाल मेरे पड़ोसी शकील मियाँ का था। दिनभर चाय की दुकान चलाते हुए वो भारतीय संस्कृति, संस्कार की दुहाई देते नही थकते थे। लेकिन उधर घर में बैठी उनकी लुगाई अजीबोगरीब परिधान पहनकर टिकटाक जैसे एप पर शहर की मशहूर नचनियां होने का ख्याति प्राप्त कर चुकी थी। शकील मियाँ तो हैरान थे यह जानकर की ब्याहने गए थे तब तो इसकी इस प्रतिभा का पता नहीं चला था। बहरहाल टिकटाक सहित अन्य चाईनीज़ एप बैन होने की खुशी में शकील मियाँ ने दिन भर लोगों को मुफ्त में चाय पिलाई है। सोशलमीडिया की बुरी लत और उस पर पागलपंती भरी एक्टिविटी करने का चाव लगातार मानसिक तौर पर बीमारों की संख्या में इजाफाः कर रहा था। वहीं टिकटाक जैसा चाईनीज़ एप तो ना जाने कितने ही भ्रामक समाचारों को फैलाने का काम कर रहा था ।साथ ही लव जिहाद के मामले भी टिकटाक के चलते खूब बढ़े थे। ऐसे में सरकार का यह निर्णय सही समय पर गर्म लोहे पर हथौड़े की भांति काम करेगा और सोशलमीडिया के चलते गर्त में जाती हुई युवा पीढ़ी को बचाया जा सकेगा।
— आशीष तिवारी निर्मल