मुक्तक
मुक्तक
जी करता है जी भर नाचूँ, जीवन में झनकार लिए।
सारे गुण की भरी गागरी, हर पन का फनकार लिए।
सभी वाद्य बजने को आतुर, आए कोई वादक तो-
शहनाई वीणा औ डमरू, सुरभित स्वर संसार लिए।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुर
मुक्तक
जी करता है जी भर नाचूँ, जीवन में झनकार लिए।
सारे गुण की भरी गागरी, हर पन का फनकार लिए।
सभी वाद्य बजने को आतुर, आए कोई वादक तो-
शहनाई वीणा औ डमरू, सुरभित स्वर संसार लिए।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुर