मनभावन सावन
वो मनभावन सावन मेरा
इस बारी फिर से आया है
प्यारे मायके की यादों का रेला
संग में फिर से लाया है,
फिर डाल भरी है अमुआ से
और कोयल कूकी डाली पर
बेईमान हुआ है फिर मौसम
और रंग चढ़ा मतवाली पर
सखियों संग बैठी मै झूले पर
सपना मुझको आया है
प्यारे मायके के यादों का रेला
संग ये फिर से लाया है,
बागों में छाई हरियाली
और मोर पपिहे नृत्य करें
सजना के लिए सवरने को
मन मयूर हर कृत्य करें
मेहंदी से लाल हथेली हो
अब मन मेरा कर आया है
प्यारे मायके की यादों का रेला
संग ये फिर से लाया है,
सावन के झूले लटक रहे
अंगना अंगना डाली डाली
कांवड़ के रेले निकल पड़े
सड़कों पे बम बम बलशाली
है सभी मगन शिव भक्ति में
भक्ति का रंग चढ़ आया है
प्यारे मायके की यादों का रेला
संग ये फिर से लाया है,
यादों में पिछले बरस का
फिर वो दृश्य तैर सा आया है
जब भैया मेरा संग में अपने
चूड़ी ,कंगन, बिंदिया लाया है
त्योहार ये प्यार सिंदारे का
हर नारी के मन को भाया है
प्यारे मायके की यादों का रेला
संग ये फिर से लाया है।।
— अनामिका लेखिका