ग़ज़ल
आदमी और कभी अहले खुदा की बातें
दोस्ती और कभी अहदे-वफा की बातें
कभी खुशबू कभी मौसम कभी ये वादे-सबा
जिस तरफ देखिए बस तेरी अदा की बातें
जिन्दगी-मौत कभी चाँद-सितारे-सूरज
धूप-बरसात कभी काली-घटा की बातें
दर्द अहसास घुटन टीस कराहें चीखें
बेबसी जुल्म तिरस्कार बला की बातें
प्यार इसरार इशारों की जुबाँ खामोशी
साज हो मौन तो फिर ‘शान्त’ दुआ की बातें
— देवकी नन्दन ‘शान्त’